अपने करमों का फल अवश्य मिलता हैं
बहोत समय पहले की बात हैं। गांव में एक किसान रहा करता था। जिनके माँ - बाप पत्नी और दो बच्चे थे। वो रोजाना मजदूरी किया करते थे।
उन्हें महीना में कई बार काम भी मिल नहीं पता था। उनका इस्थिति बहोत दयनीय था। वो किसी तरह अपने परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से कर पा रहे थे । लेकिन इन सब के बावजूद उनमे इंसानियत जिन्दा था।
वे अक्सर लोगों को भला ही सोचते थे। हमेशा लोगों को निष्ठां पूर्वक सेवा करने का भावना रखते थे।
एक बार की बात हैं जब वो काम करके आ रहे थे, उसी समय रास्ते में एक वृद्ध वयक्ति दिखाई दिए, जो ठण्ड से काफी कांप रहे थे। उसी रास्ते से काफी लोग गुजर रहे थे, लेकिन कोई भी उनके और ध्यान नहीं दें रहे थे। लेकिन किसान ने ऐसा नहीं किया।
वे रास्ते में आते वक्त उसे देखते ही रुके और बिना कुछ सोचे समझें उनसे बात करने लगे। बहोत विनती करने के बाद उन्हें अपने साथ घर ले आये। और उन्हें अपना पत्नी के हाथों से बना गर्म खाना खिलाये फिर उन्हें रात भर अपने पास ही सुलाए।
सुबह उठकर वे नास्ता करने के बाद जाने लगे, जाते जाते बोले की बेटा मैंने पूरी दुनिआ घूमी हैं लेकिन आपके जैसा विचार का वयक्ति बहोत कम ही देखे हैं और यही स्वभाव आपको एक दिन बहोत बड़ा आदमी बनाएगा।
किसान अंदर से मुस्कुराये लेकिन ज्यादा उनके बातों पर ध्यान नहीं दिए।
अब फिर से किसान पहले की तरह रोजाना काम पर जाने लगे। इसी बिच एक दिन उन्हें एक महीला देखाई देते हैं,जो अपने बच्चे के साथ दर बदर भटक रही होती हैं, उनके बच्चे का तबियत बहोत ख़राब होती हैं। उनके यहाँ से सरकारी हॉस्पिटल काफी दूर होता हैं, और मौसम भी बहोत ख़राब होता हैं,जिनके वजह से उन्हें अकेले जाने में काफी कठिनाइयो का सामना करना पड़ रहा होता हैं।
इसी बिच वो किसान उन्हें देखते ही तुरंत उन्हें हॉस्पिटल ले जाते हैं और दिनभर उनके साथ ही होते हैं,वो उस दिन काम पर नहीं जाते। जब बच्चे का हालत में थोड़ा सुधार होता हैं, तब वो उन्हें शाम तक उनके घर तक छोड़ आते हैं।
इस तरह से किसान हर वयक्ति को छोटी बड़ी सेवाएं करते रहते थे।
एक समय की बात हैं जब वो काम कर रहे होते हैं उसी बिच वो छत ऊपर से गिर जाते हैं और उनका पैर टूट जाता हैं।
किसी तरह से उन्हें हॉस्पिटल ले जाया जाता हैं। इलाज होने के बाद उन्हें घर पर कुछ पैसे देकर छोड़ दिया जाता हैं।
अब किसान को कुछ दिन तक घर पर ही रहना पड़ता हैं, अब उनके घर का हालत इतना ज्यादा खराब हो जाता हैं की उनके यहाँ खाने के लिए अनाज भी नहीं होता।
उस दिन किसान मन ही मन बहोत पछतावा करता हैं सोचता हैं मैंने जिंदगी भर दूसरों का मदद किया लेकिन मेरा मदद करने वाला कोई नहीं।
इसी बिच वो वृद्ध वयक्ति को उस किसान के बारे में पता चलता हैं जिसने उसकी जरुरत पड़ने पर मदद की थी।
वो तुरंत उसके पास मिलने को आता हैं। उनके यहाँ अनाज पैसे इत्यादि का तुरंत प्रबंध करवाता हैं।
फिर जब तक वो ठीक नहीं हो जाता तब तक वो उनके यहाँ बिच बिच आते रहता और उनका मदद करते रहता।
इसी बिच उस महिला को भी उस किसान के बारे में पता चलता हैं तो वो महिला भी तुरंत उस किसान के पास मिलने के लिए आती हैं। साथ में कुछ पैसे तथा भोजन इत्यादि भी साथ में ला देती हैं।
अब वो महिला जब तक उस किसान का तबियत पूरी तरह से ठीक नहीं हो गया तब तक वो महिला रोजना उनके यहां खाना लाते रही।
इसी बिच किसान अपने घर में रोते हुए कहता हैं ये सब हमारे पुराने करमो का ही फल हैं।
बाद में किसान को ठीक हो जाने के बाद वो वृद्ध वयक्ति एक बहोत बड़े व्यपारी होते हैं जो किसान को अपना पार्टनर बना लेते हैं।
अब धीरे धीरे किसान अमीर होते जाता हैं। बाद में वो एक यात्री सेवा सदन खुलवाता हैं,जहाँ अशहाय वयक्ति को मुक्त में भोजन और रहने का सुविधा भी दिया जाता हैं।
अब किसान एवं उनके पुरे परिवार हसीं खुशी से अपना जीवन बिताने लगते हैं।
इंसान को अपने कर्मो का फल अवश्य मिलता हैं।
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अगर मुझसे किसी तरह का कोई गलती हुआ हो तो उसके लिए मै छमा 🙏🙏 प्रार्थी हूँ।
धन्यवाद आपने इतना कीमती समय दिया।
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